Sad Bewafa Shayari In Hindi | ★彡[𝐜𝐨𝐩𝐲 & 𝐩𝐚𝐬𝐭𝐞]彡★
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Bewafa Shayari In Hindi |
महफ़िल ना सही, तन्हाई तो मिलती है;
मिलें ना सही, जुदाई तो मिलती है;
प्यार में कुछ नहीं मिलता;
वफ़ा ना सही, बेवफ़ाई तो मिलती है।
यह ना थी हमारी क़िस्मत, कि विसाल-ए-यार होता;
अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता;
तेरे वादे पर जाएँ हम, तो यह जान झूठ जाना;
कि ख़ुशी से मर ना जाते, अगर ऐतबार होता।
जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ;
मेरी आंखें एक दस्तक दे देती हैं;
दुःख ये नहीं कि वो दरवाजा बंद कर देते है;
खुशी ये है कि वो मुझे अब भी पहचान लेते हैं।
मेरी मौत के सबब आप बने;
इस दिल के रब आप बने;
पहले मिसाल थे वफ़ा की;
जाने यूँ बेवफ़ा कब आप बने।
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एक तेरी खातिर परेशाँ हूँ मैं;
टूटे दिलों की जुबाँ हूँ मैं;
तूने ठुकराया जिसको अपनाकर;
उसी दीवाने का गुमां हूँ मैं।
Bewafa Shayari In Hindi |
खुदा तू ही बता हमारा क्या होगा;
उजड़े हुए दिल का सहारा क्या होगा;
घबराहट होती है मोहब्बत की नाव में बैठ कर;
गर मझदार ये तो किनारा क्या होगा।
तुमको समझाता हूँ इसलिए ए दोस्त;
क्योंकि सबको ही आज़मा चुका हूँ मैं;
कहीं तुमको भी पछताना ना पड़े यहाँ;
कई हसीनों से धोखा खा चुका हूँ मैं।
बिखरे हुए दिल ने भी उसके लिए फरियाद मांगी;
मेरी साँसों ने भी हर पल उसकी ख़ुशी मांगी;
जाने क्या मोहब्बत थी उस बेवफ़ा में;
कि मैंने आखिरी फरियाद में भी उनकी वफ़ा मांगी।
मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है;
ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है;
देकर वो आपकी आँखों में आँसू;
अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है।
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कभी हम भी इसके क़रीब थे;
दिलो जान से बढ़ कर अज़ीज थे;
मगर आज ऐसे मिला है वो;
कभी पहले जैसे मिला ना हो।
Bewafa Shayari In Hindi |
ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे;
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया;
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।
चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये है;
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये है;
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश;
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।
जीने की तमन्ना बची कहाँ है;
भुलाया जो है हमें आपने;
यह तो बेवफ़ाई की हद ही है;
जिसे पार किया था हमने।
फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने;
उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने;
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी;
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।
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ना मिलता गम तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते;
दुनिया अगर होती चमन तो वीराने कहाँ जाते;
चलो अच्छा हुआ अपनों में कोई ग़ैर तो निकला;
सभी अगर अपने होते तो बेगाने कहाँ जाते।
Bewafa Shayari In Hindi |
लम्हा लम्हा सांसें ख़तम हो रही हैं;
ज़िंदगी मौत के पहलू में सो रही है;
उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह;
वो तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है।
वफ़ा पर हमने घर लुटाना था लेकिन;
वफ़ा लौट गयी लुटाने से पहले;
चिराग तमन्ना का जला तो दिया था;
मगर बुझ गया जगमगाने से पहले।
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं;
दूर है वो मुझसे पर मैं उससे ख़फ़ा नहीं;
मालूम है कि वो अब भी प्यार करता है मुझसे;
वो थोड़ा सा ज़िद्दी है मगर बेवफ़ा नहीं।
ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है;
कर ले तू सितम, तेरी हसरत जहाँ तक है;
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी;
हमें तो देखना है तू बेवफ़ा कहाँ तक है।
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कभी करीब तो कभी जुदा है तू;
जाने किस-किस से खफा है तू;
मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीं था;
पर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू।
Bewafa Shayari In Hindi |
जानते थे कि नहीं हो सकते कभी तुम हमारे;
फिर भी खुदा से तुम्हें माँगने की आदत हो गयी;
पैमाने वफ़ा क्या है, हमें क्या मालूम;
कि बेवफाओं से दिल लगाने की आदत हो गयी।
ज़िन्दगी से बस यही गिला है;
ख़ुशी के बाद क्यों ये गम मिला है;
हमने तो उनसे वफ़ा की थी;
पर नहीं जानते थे कि बेवफाई ही वफ़ा का सिला है।
जाने मेरी आँखों से कितने आँसू बह गए;
इंसानो की इस भीड़ में देखो हम तनहा रह गए;
करते थे जो कभी अपनी वफ़ा की बातें;
आज वही सनम हमें बेवफ़ा कह गए।
आग दिल में लगी जब वो खफा हुए;
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए;
करके वफ़ा कुछ दे ना सकें वो;
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए।
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तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना;
तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना;
मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना;
शौंक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना।
महफ़िल में कुछ तो सुनाना पड़ता है;
ग़म छुपा कर मुस्कुराना पड़ता है;
कभी हम भी उनके अज़ीज़ थे;
आज-कल ये भी उन्हें याद दिलाना पड़ता है।
कोई भी नहीं यहाँ पर अपना होता;
इस दुनिया ने ये सिखाया है हमको;
उसकी बेवफाई का ना चर्चा करना;
आज दिल ने ये समझाया है हमको
ज़िंदगी से बस यही एक गिला है;
ख़ुशी के बाद न जाने क्यों गम मिला है;
हमने तो की थी वफ़ा उनसे जी भर के;
पर नहीं जानते थे कि वफ़ा के बदले बेवफाई ही सिला है।
कभी करीब तो कभी जुदा था तू;
जाने किस-किस से ख़फ़ा है तू;
मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीन था;
पर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू।
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वो निकल गए मेरे रास्ते से इस कदर कि;
जैसे कि वो मुझे पहचानते ही नहीं;
कितने ज़ख्म खाए हैं मेरे इस दिल ने;
फिर भी हम उस बेवफ़ा को बेवफ़ा मानते ही नहीं।
उनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी है;
नाम लब पर है और जान बाकी है;
क्या हुआ अगर देख कर मुँह फेर लेते हैं;
तसल्ली है कि शक्ल की पहचान बाकी है।
एक ख़ुशी की चाह में हर ख़ुशी से दूर हुए हम;
किसी से कुछ कह भी ना सके इतने मज़बूर हुए हम;
ना आई उन्हें निभानी वफ़ा इस दौर-ए-इश्क़ में;
और ज़माने की नज़र में बेवफ़ा के नाम से मशहूर हुए हम।
एक बार रोये तो रोते चले गए;
दामन अश्कों से भिगोते चले गए;
जब जाम मिला बेवफाई का तो;
खुद को पैमाने में डुबोते चले गए।
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हर पल कुछ सोचते रहने की आदत गयी है;
हर आहट पे च चौंक जाने की आदत हो गयी है;
तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा, हिज्र की रातों के संग;
हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है।
तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना;
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे;
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर;
कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी;
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी;
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने;
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।
जो ज़ख्म दे गए हो आप मुझे;
ना जाने क्यों वो ज़ख्म भरता नहीं;
चाहते तो हम भी हैं कि आपसे अब न मिलें;
मगर ये जो दिल है कमबख्त कुछ समझता ही नहीं।
हर धड़कन में एक राज़ होता है;
बात को बताने का भी एक अंदाज़ होता है;
जब तक ना लगे ठोकर बेवाफ़ाई की;
हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है।
bewafa shayari in hindi for girlfriend
हो गया हूँ मशहूर तो ज़ाहिर है दोस्तो;
इलज़ाम सौ तरह के मेरे सर भी आयेंगे;
थोड़ा सा अपनी चाल बदल कर चलो;
सीधे चले तो मुमकिन है पीठ में खंज़र भी आयेंगे।
ना जाने क्या सोच कर लहरें साहिल से टकराती हैं;
और फिर समंदर में लौट जाती हैं;
समझ नहीं आता कि किनारों से बेवफाई करती हैं;
या फिर लौट कर समंदर से वफ़ा निभाती हैं।
हर पल कुछ सोचते रहने की आदत हो गयी है;
हर आहट पे चौंक जाने की आदत हो गयी है;
तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा, हिज्र की रातों के संग;
हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है।
वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था;
खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था;
महोब्बत में मिली थी नफरत उसे भी शायद;
इसलिए हर शख्स को शायद बेवफा लिख रहा था।
मशहूर हो गया हूँ तो ज़ाहिर है दोस्तो;
इलज़ाम सौ तरह के मेरे सर भी आयेंगे;
थोड़ा सा अपनी चाल बदल कर चलो;
सीधे चले तो मुमकिन है पीठ में खंज़र भी आयेंगे।
वफ़ा करने से मुकर गया है दिल;
अब प्यार करने से डर गया है दिल;
अब किसी सहारे की बात मत करना;
झूठे दिलासों से भर गया है अब यह दिल।
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